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मीणा इतिहास

बावन कोट छप्पन दरवाजा – मीणा मर्द नहाण का राजा।"

          बावन कोट छप्पन दरवाजा, मीणा मर्द                         नहाण का राजा। "

जामडोली – जामा राव मीणा साम्राज्य

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        जामडोली – जामा राव मीणा साम्राज्य

आगरा की मीणा मस्जिद – अकबर से युद्ध

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     आगरा की मीना मस्जिद–अकबर से युद्ध

नायला फोर्ट मीनाओं का इतिहास

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          नायला फोर्ट  राजा भीखमदेव  देवड़वाल                      मीणा समाज के गौरवशाली इतिहास में मीणा जाति के वीरों की गाथाएं अनगिनत हैं। ग्यारहवीं शताब्दी में देवड़वाल गौत्र के मीणों का क्यारा राज्य शक्तिशाली था, जिसमें राजा भीखमदेव का शासन था। इस दौर में मीणा समाज ने अपने पराक्रम से राजपूतों को चुनौती दी और गौरवशाली इतिहास रचा। image based on the historical scene from the 11th century, highlighting Nahil Singh, the Meena warriors, and the establishment of Naila city.             भीखमदेव के पुत्र नाहिल सिंह , जिनकी गिनती मीणा समाज के महान  योद्धाओ के रूप में की जाती है,उन्होंने ढूंढ़ाड़ प्रदेश में खोहगंग से 15-20 किलोमीटर दूर नायला नगर की स्थापना की जहां वर्तमान में नायला फोर्ट के नाम से प्रसिद्द है । नाहिल सिंह ने इसे अपनी राजधानी बनाकर मीणा समाज के गौरव को और ऊंचाई दी। नायला के निकट बचलाणां, जिसे आजकल 'बूज' कहते हैं, समृद्धिश...

आमेर मीनाओं का इतिहास

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                आमेर मीनाओ का इतिहास

झोटवाड़ा मीनाओ का इतिहास

                झोटवाड़ा मीणा इतिहास

गैटोर मीनाओ का इतिहास

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              गैटोर राज्य मीनाओं का इतिहास

जमवारामगढ़ मीनाओ का इतिहास

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                    माँची सीहरा मीणा वंश

खोहगंग राजपूतों का विश्वास घात

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                       खोहगंग राजपूतों का विशवास घात 

बरड़ चौहन वंश

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                                    बरड़ चौहान वंश          बरड़ शाखा की शुरुआत अणहल के भाई अनूप द्वारा की गई, जिन्होंने टाटगढ़ में बसकर मीणा समुदाय का विस्तार किया। टाटगढ़ तहसील का अधिकांश हिस्सा उनके अधिकार में था। यह क्षेत्र राजस्थान के अजमेर जिले के आसपास स्थित है।बरड़ शाखा का इतिहास और उनकी सांस्कृतिक पहचान का विषय ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। यह विषय विशेष रूप से मीणा समुदाय और चौहान वंश से जुड़ा हुआ है, जो राजस्थान के टाटगढ़ क्षेत्र में बसे हुए थे। इस समुदाय का इतिहास वीरता, सांस्कृतिक मूल्य, और समाज के भीतर उनके योगदान को दर्शाता है।  बरड़ शाखा के लोग चौहान वंश से संबंध रखते हैं और अपने आपको 'राव' कहलाना पसंद करते हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि वे समाज में एक उच्च स्थान रखते थे और उनकी पहचान वीर योद्धाओं के रूप में थी।           कवि श्यामलदास ने अपनी पुस्तक "वीर विनोद" में इस समुदाय के साहस और ...

मेवात मीणा

                             मेवात मीणा 

राक्षस के वध से बना ढूंढाड़

                राक्षस के वध से बना ढूंढाड़    

12 वर्षीय खूंखार अपराधी

                  12 वर्षीय खूंखार अपराधी 

अपराधी प्रमाण पत्र ही हमारा जन्म प्रमाण पत्र

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              नामकरण ~ जन्मजात अपराधी

सब्जी काटने पे कैद मीणा समाज

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                    सब्जी काटने पे कैद

पचवार –पांच पवित्र गोत्रों का संगम

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            पचवार –पांच पवित्र गोत्रों का संगम

साइकिल रखना अपराध

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                 साइकिल रखना अपराध

अकबर को हराया 11 बार थानागाजी{अलवर} मीणा भाई से हारा

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                      क्यारा गणराजय

हथकड़ी बना आधारकार्ड

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                हथकड़ी बना आधार कार्ड 

मीनाओं का एक कटा सिर तो मिलेगा एक सिक्का

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                 एक सिक्का एक कटा सिर

12 अक्टूबर समाज का काला दिन जिसका दर्द अभी तक ......

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                        मीनेष ज्ञान–सागर               समाज के इतिहास का काला दिन. शुरुवात होती है सन 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम,जिसने भारतीय समाज में विभिन्न जातियों और समुदायों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह विद्रोह भारतीय सैनिकों, किसानों, और अन्य वर्गों द्वारा ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक सशस्त्र संघर्ष था। इस संघर्ष में कई जातियों ने भाग लिया, जिन्होंने न केवल अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया, बल्कि सरकारी सम्पत्तियों को भी भारी नुकसान पहुँचाया। विद्रोह के दौरान, इन जातियों ने अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ खुला विद्रोह किया। ............             विद्रोह की हार के बाद, ब्रिटिश सरकार ने विद्रोहियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया का एक प्रमुख हिस्सा था जरायम पेशा क़ानून , 12 अक्टूबर 1871 (Criminal Tribes Act, 1871 ) । यह कानून विशेष रूप से उन जातियों के खि...

नकुल और सहदेव का मीणा प्रमाण

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          नकुल और सहदेव का मीणा प्रमाण

षड्यंत्रकारी विवाह बना पांच लाख मीनाओ की मृत्यु का कारण बूंदी साम्राज्य

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                            बूंदी साम्राज्य    विवाह बना पांच लाख मीनाओ की मृत्यु का कारण

सुना पड़ा मीनाओ का गांव – मीना बसई

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                  सुना पड़ा मीना बसई

रुकमणी जी का मीणा समाज से रिश्ता

               रुकमणी का मीणा समाज से रिश्ता ?

सर कटाने पे नाम पड़ा कोटा {गर्दन कटवाने के बावजूद भी तलवार लेकर लड़े करीब100 फीट तक युद्ध करते हुए उनका शरीर }

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              सर कटाने पे नाम पड़ा कोटा  { गर्दन कटवाने के बावजूद भी तलवार लेकर लड़े। } {करीब100 फीट तक युद्ध करते हुए उनका शरीर   }

एक लाख मीनाओ का कत्लेआम इतिहास से अनजान

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             100000 मीनाओ का कत्लेआम   कहा जाए तो मीणा समाज  ~ आप~मैं अपने असली इतिहास से अवगत ही नहीं हारना जितना तो दूसरी बात है हमे तो अपनों के बलिदान का  ही नहीं पता  सल्तनत काल (1206-1526) के दौरान, भारत पर मुस्लिम आक्रमणकारियों का शासन था,  इन शासकों में से एक प्रमुख नाम गयासुद्दीन बलबन का है। बलबन, जो गुलाम वंश का एक शक्तिशाली सुल्तान था, ने न केवल दिल्ली सल्तनत की सुरक्षा को मजबूत किया, बल्कि अपने शासनकाल के दौरान कई आदिवासी और हिंदू जातियों का दमन भी किया। इसमें प्रमुखता से मीणा समाज का नाम आता है, जो राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में निवास करती थी।              बलबन की शासन नीति को " लहू और लौह " के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ था कि वह अपने शासन को सख्ती से लागू करने और किसी भी प्रकार के विद्रोह को बेरहमी से कुचलने के लिए कड़ा रुख अपनाता था। उसने अपनी सेना को संगठित किया और विद्रोही तत्वों, विशेषकर राजस्थान और मेवात के क्षेत्रों में रहने वाले मीण...

वेदों में दर्ज है उपस्थिति

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                        वेदों में उल्लेख

मरने की अनुमति

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                         मरने की अनुमति मीणा समाज पर कठोर नियंत्रण रखने के लिए कई दमनकारी नियम लागू किए थे। विशेषकर 19वीं और 20वीं सदी में, ब्रिटिश शासन ने ऐसे कानून बनाए थे, जिनका उद्देश्य मीणा समाज की हर गतिविधि पर नज़र रखना और उन्हें नियंत्रित करना था। इन नियमों में से कुछ अत्यंत दमनकारी थे,                 इस कठोर व्यवस्था के तहत, यहाँ तक कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भी लोगों को अनुमति लेनी पड़ती थी। किसी करीबी रिश्तेदार की मौत हो जाने पर भी, व्यक्ति गाँव की सीमा से बाहर नहीं जा सकता था जब तक कि उसे गाँव के मुखिया या थानेदार से लिखित स्वीकृति न मिल जाए। यदि गाँव का मुखिया केवल 12 घंटे की अनुमति देता था और अंतिम संस्कार में अधिक समय की आवश्यकता होती थी, तो व्यक्ति को पुलिस थाने के उच्च अधिकारियों के पास जाना पड़ता था। पुलिस अधीक्षक या महानिरीक्षक से स्वीकृति लेना अक्सर लंबी और जटिल प्रक्रिया थी, और इसमें कई दिनों का समय लग सकता था। इससे कई बार ऐसा हो...

पुलिस को जेल अपराधी को बेल – कानून

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                      दादरसी कानून   प्रशासन में एक समय था जब नगरों और ग्रामों की सुरक्षा का प्रमुख उत्तरदायित्व मीणा जाति के चौकीदारों को सौंपा गया था। इन चौकीदारों ने अपनी जिम्मेदारी निष्ठा और सजगता से निभाई, अपनी जाति और समाज के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच बने। समाज को लगा उन पर भरोसा कर के ये काम उनको दिया है लेकिन इसके पीछे साजिश कुछ और थी  और उलट-पुलट स्थिति ने इसे एक सजा में बदल दिया। शासन वर्ग को पता था ताकत से अपने लोगो को नही दबाया जा सकता तो उन्होंने एक नया हथकंडा अपनाया और समाज इस जाल में फस गया और इस मौके का फायदा पाके शासन वर्ग ने  अत्यंत अन्यायपूर्ण प्रतिबंध "दादरसी कानून" लागू किया  जिसने हमारे पैर में बेड़ियां बांध दी हमें शक के कटघरे में ला खड़ा किया और समाज इस बात से चुप था की उनके होते हुए चोरी केसे हो गई और  उनके द्वारा बिछाए जाल में पूरी तरह फसता चला गया                        इस कानून के तहत, अगर चोरी की गई संपत्ति क...

बेटी चढ़ी बलि – चूली बावड़ी

                          चूली बावड़ी

मोहम्मद गौरी और कुतुबुद्दीन ऐबक से मीनाओं का युद्ध

        मोहम्मद गौरी और कुतुबुद्दीन ऐबक से युद्ध 

चोरी का कानून = हमने की तो चोरी दूसरा करे तो Once More - Once More {Criminal Tribes Act}

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                     मीनेष ज्ञान–सागर                  अभ्यस्त अपराधी कानून भारतीय कानून के एक विवादास्पद प्रावधान ने मीणा जाति के लोगों के खिलाफ एक भेदभावपूर्ण और अन्यायपूर्ण नीति को जन्म दिया। इस क़ानून के अनुसार, मीणा जाति के किसी व्यक्ति को केवल एक ही बार अपराध करने पर 'अभ्यस्त अपराधी मतलब History Sheeter घोषित कर दिया जाता, जबकि अन्य जातियों के लिए यह सीमा तीन अपराधों के बाद तय की गई थी मतलब हम ने की तो चोरी दूसरा करे तो once more once more यह नियम जातिगत भेदभाव और मीणा समाज के प्रति गहरे पूर्वाग्रह का एक स्पष्ट उदाहरण था, जिसने उनके नागरिक अधिकारों को दबाने का एक और प्रयास किया। इस असमान कानून ने मीणा जाति के लोगों में व्यापक आक्रोश पैदा किया। उनके नेतृत्वकर्ताओं, श्री झरवाल और भगवान सिंह तिरंगी, ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलंद की।                    इस संघर्ष की कहानी केवल एक कानून का विरोध नहीं थी, बल्कि यह हाशि...

मीणाओ का मारवाड़

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                      मीनाओं का मारवाड़

महाभारत काल से जातिगत भेदभाव – वीर एकलव्य

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                                                                                                     वीर एकलव्य                                  वीर एकलव्य की कहानी न केवल महाभारत का एक हिस्सा है, बल्कि यह सामाजिक अन्याय, जातिगत भेदभाव और निष्ठा के बलिदान की कहानी है। यह उन संघर्षों की गाथा है, जिन्हें भारत के आदिवासी और पिछड़े समाज के लोग सदियों से झेलते आ रहे हैं। एकलव्य, जो एक आदिवा

शिव पुराण में मीणा जाति का उल्लेख

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          मीणा जाति का शिव पुराण में उल्लेख मीणा जाति भारतीय संस्कृति की प्राचीनतम जातियों में से एक मानी जाती है, जिसका इतिहास और पौराणिक महत्व शिव पुराण में विस्तृत रूप से वर्णित है। इस जाति की उत्पत्ति, धार्मिक विश्वास और सांस्कृतिक परंपराएँ इसे अद्वितीय बनाती हैं।             शिव पुराण में मीणा जाति की उत्पत्ति शिव पुराण के अनुसार, मीणा जाति का संबंध दक्ष की कन्याओं, विशेषकर मैना और कलावती से है। ये दोनों कन्याएँ कश्यप ऋषि से विवाह करके मानव रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुईं। मैना ने राजा हिमाचल से विवाह किया, और उनके द्वारा देवी पार्वती का जन्म हुआ। इस प्रकार, मीणा जाति का संबंध सीधे भगवान शिव से जुड़ता है, जो इसे एक पौराणिक पहचान देता है।               शिव के उपासक: मीणा जाति मीणा जाति के लोग भगवान शिव के अटूट भक्त माने जाते हैं। शिव पुराण में वर्णित है कि मीणा जाति के लोग युद्ध कौशल और साहस के लिए प्रसिद्ध थे, और उन्हें क्षत्रिय के रूप में सम्मानित किया गया। यह विश...

समाज के प्रमुख महानायक –डॉ. भीमराव अंबेडकर जी

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समाज के प्रमुख महानायक– डॉ. भीमराव अंबेडकर