मीणा इतिहास

बावन कोट छप्पन दरवाजा – मीणा मर्द नहाण का राजा।"

         बावन कोट छप्पन दरवाजा, मीणा मर्द 
                      नहाण का राजा।"




        नहान, जिसे आज "नई" के नाम से जाना जाता है, मीणा समुदाय का अंतिम शक्तिशाली राज्यों में से एक था। यह राज्य अपने समय में अद्वितीय था, जहाँ भगवान शंकर का एक विशाल और सुंदर मंदिर स्थित है, जिसे "नई का नाथ" कहा जाता है। यह मंदिर मीणा साम्राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस मंदिर और राज्य के बारे में प्राचीन जानकारी पुरातत्वविद कार्लाइल द्वारा दी गई है। कार्लाइल ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में इस स्थान का विस्तार से वर्णन किया। यह स्थान दौसा से दक्षिण-पश्चिम में 32 किलोमीटर और लवाण से उत्तर-पश्चिम में 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके बारे में खास बात यह है कि यह किला इतने घने इलाके में छिपा हुआ है कि इसे ढूंढने के लिए एक मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है।

कार्लाइल के अनुसार, नहान लगभग 500 वर्ष पहले उजड़ गया था, और अब वहाँ मीणा राजाओं के महलों के केवल अवशेष बचे हैं। नहान राज्य का स्थापत्य और सुरक्षा तंत्र अत्यंत प्रभावशाली था। उन्होंने कहा कि इस राज्य में बावन कोट (52 सुरक्षित स्थल) और छप्पन दरवाजे (56 रास्ते) थे, जो राज्य की सुरक्षा और रणनीतिक महत्व को दर्शाते थे। यह राज्य एक हजार वर्ष से अधिक पुराना माना जाता है और मीणा समुदाय के गौरवशाली इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है


इतिहासकार कर्नल जेम्सटाड ने अपने ग्रंथ "एनाल्स एण्ड एण्टीक्विन्टीज ऑफ राजस्थान" में नहान राज्य के वैभव का उल्लेख करते हुए लिखा है: "बावन कोट छप्पन दरवाजा, मीणा मर्द नहाण का राजा।"

इस पंक्ति से यह स्पष्ट होता है कि नहान राज्य का मीणा राजा अत्यधिक शक्तिशाली था। यह राज्य सल्तनत काल में भी शक्तिशाली बना रहा और मुगल सम्राट बाबर के आगमन से पहले तक इसका दबदबा था। हालाँकि नहान राज्य की वंशावली का कोई निश्चित ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है, फिर भी जगराम नामक एक शक्तिशाली राजा का उल्लेख मिलता है, जिसे मीणाओं के बीच विशेष रूप से प्रतिष्ठित किया जाता है।
          मीणा राजा राव बाधा, जिन्होंने  मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की, इस राज्य के अंतिम प्रतापी शासक माने जाते हैं। राव बाधा ने मीणा संस्कृति और समाज की स्वतंत्रता को बनाए रखने के  लिए मुगलों के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया। 
      आक्यर्योलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया जि. 6 ईस्टर्न राजपूतानामें लिखा है कि ढूंढ़ार में नहाण का राजा बहुत शक्तिशाली था और मुगल सम्राट अकबर की सहायता से ही आमेर नरेश भारमल इस नगर पर अधिकार कर सका।
       नहान का गोमलाडू राज्य मीणा समुदाय की गौरवशाली विरासत का एक प्रतीक है, जो मुगलों और सल्तनत काल की चुनौतियों के बावजूद अपनी स्वतंत्रता और शौर्य को बनाए रखने में सफल रहा। मीणा शासकों का योगदान राजस्थान के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेषकर स्वतंत्रता संग्राम में उनके बलिदानों को याद किया जाता है।  मीणा राजाओं की स्वतंत्रता की भावना और उनका शौर्य राजस्थान के इतिहास का गौरवशाली हिस्सा है।
 कुछ अन्य तथ्य 👉 मीनेष ज्ञान–सागर



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