मीणा इतिहास

बावन कोट छप्पन दरवाजा – मीणा मर्द नहाण का राजा।"

          बावन कोट छप्पन दरवाजा, मीणा मर्द                         नहाण का राजा। "

खाटू श्याम जी मीनाओं पर अत्याचार

खाटूश्याम जी के मीणों पर अत्याचार (अप्रैल 1953)



यह बात है सन 1953 जब गरीबी के कारण लोग गलत रास्ता अपना रहे थे तब खाटूश्यामजी में निरन्तर चोरी होने से वहाँ के थानेदार ने यहाँ के सभी मीणों को बन्दी बना लिया और उनको खूब मारा-पीटा। उनको उल्टा लटका कर अनेक यातनायें दी जाने लगी और कहा कि जब तक तुम सभी चोरियों का पता नहीं लगाओगे, पुलिस तुम्हें कठोर यातनायें देती रहेंगी। 
श्री गणपातराम तथा गाडाराम दो मीणों को कहा कि तुम क्षेत्र में जाकर चोरियों का पता लगाकर माल बरामद कराने में पुलिस की मदद करो, नहीं तो तुम्हारी खैर नहीं। गांव खाटू में तब ही आना जब चोरी मिल जावे नही तो कदम मत रखना
निर्दोष मीणा आतंकित होकर श्रीमाधोपुर पहुँचे और वहाँ श्रमजीवी आश्रम के अध्यक्ष पं. बंशीधर शर्मा से मिले और बताया कि खाटू के मीणों का किसी भी चोरी में कोई भी हाथ नहीं है, बिना वजह निर्दोष मीणों को मारा-पीटा जा रहा है। मीणों की करुण कहानी सुनकर पं. बंशीधर शर्मा ने कहा कि आप जयपुर मीणा सुधार समिति के मंत्री 
श्री लक्ष्मीनारायण झरवाल के पास जाओ, वह तुम्हारी सभी समस्यायें हल कर देंगे। दोनों मीणा सरदार जयपुर आकर श्री झरवाल के पास पहुंचे और अपनी व्यथा उनको सुनाई तो झरवाल पुलिस के अत्याचारों को सुनकर आश्चर्य में डूब गए और तुरन्त उनके साथ खाटूश्यामजी के लिए प्रस्थान कर गए।
वहाँ जाकर पता लगाया कि चोरियाँ करने वाले अन्य लोग हैं। पुलिस असली चोरों से घूस लेकर उनको नहीं पकड़ती और निर्दोष लोगों को तंग करती है। श्री झरवाल के साथ श्री सुरजाराम पबड़ी, लाम्मा भी साथ हो गए। थानेदार ने देखा कि मीणा नेता आए हुए हैं तो उन्होंने गाँव के लोगों को एकत्रित किया और कहा कि जिनकी चोरियां हो गई है, वे सभी इन नेताओं को बतायें ताकि ये नेता मीणों को समझा- बुझाकर तुम्हारा सामान वापस दिला देंगे। झरवाल ने छानबीन करके पता लगाया कि चोरियां सोहला गोरिया गाँव के प्रसिद्ध चोरों ने की है। पुलिस रिश्वत लेकर इन चोरियों को दबा देती है और सारा दोष खाटू श्यामजी के मीणों पर मढ़ा जाता है।
रात्रि को सभा श्री सुरजाराम लाम्या की अध्यक्षता में आयोजित की गई। गाँव वालों को सभी तरह से समझाया गया कि चोरियों खाटूश्यामजी के चोरों ने नहीं की है। सोहला गोरिया के लोगों ने की है और पंचायत ने माल भी बरामद कर उनके मालिकों को सौंप दिया है। व्यर्थ में ही खाटू के मीणों को सताया जा रहा है। श्री झरवाल ने कहा कि आप पुलिस की मारपीट से डरकर चोरियां कबूल न करें। आप निडर रहें। आप पर अत्याचार जो हो रहे हैं, उन सभी की जानकारी मुझे हैं। जयपुर जाकर राज्य के मुख्यमंत्री से बात करूंगा कि जरायमपेशा कानून समाप्त होने पर भी पुलिस मीणों पर चोरी के झूठे आरोप लगाती है। जब कहीं भी चोरी हो जाती है तो समस्त इलाके के मीणों को एकत्रित कर उनको मारा-पीटा जाता है। पर जबकि पंच पंचायत करके अपराधी व्यक्तियों के बारे में पुलिस को उनके नाम उजागर कर देती थी। लेकिन पुलिस अपने दलालों के मार्फत् घूंस लेकर वास्तविक चोरों को छोड़ देती है और निर्दोष लोगों को मारा-पीटा जाता है।
झरवाल जयपुर आए और मुख्यमंत्री से मिलकर पुलिस के नाम आदेश भिजवाया गया कि मीणों को किसी भी तरह तंग न करें। सही चोर का पता लगाया जावे और शान्ति स्थापित की जावे।

टिप्पणियाँ

Trending News

एक लाख मीनाओ का कत्लेआम इतिहास से अनजान

12 अक्टूबर समाज का काला दिन जिसका दर्द अभी तक ......

मरने की अनुमति

खून से लाल हुई धरती. मीनाओ की बर्बर हत्या / राजस्थान का जलियांवालाकांड