मीणा इतिहास

बावन कोट छप्पन दरवाजा – मीणा मर्द नहाण का राजा।"

          बावन कोट छप्पन दरवाजा, मीणा मर्द                         नहाण का राजा। "

12 वर्षीय खूंखार अपराधी

                  12 वर्षीय खूंखार अपराधी 



..........इस नियम ने मीणा समुदाय के बच्चों को अन्य जातियों से अलग करके एक नीची नजर से देखा और उनके अधिकारों का उल्लंघन किया। आप स्वंएम सोचिए जब एक बच्चा किशोर अवस्था में आता है और उसके ऊपर ये आप बीती होती है उसके दिमाग पर क्या प्रभाव डालती होगी जब वो जीवन ही भागदोड़ समझने के लायक भी नहीं होता उसे मुजरिम बना दिया जाता है अपराधी की तरह वहवार होता है उसे तो पुलिस का मतलब भी नही पता होता है और उसे थाने तहसील के चक्कर लगाने पड़ जाते उम्र से पहले बड़ा हो जाता  है उनकी सोच को अंकुश लग जाता है आखिर क्यों यह एक ऐसी नीति थी जो एक विशेष  मीणा समुदाय को निशाना बना रही थी, जिससे उन्हें मानसिक और सामाजिक शोषण का सामना करना पड़ा। 
Criminal Tribe Act 1871 for Meena Community 

              मीणा समाज के लिए लागू की गई दमनकारी नीतियों, खासकर बालकों के हाथों और पैरों के निशान थानों और पुलिस चौकियों में दर्ज करने की व्यवस्था, एक गंभीर और अस्वीकार्य प्रक्रिया थी। इस तरह की नीतियां केवल मीणा समुदाय को तिरस्कृत करने के लिए थीं, जो समाज के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में सम्मान और समानता के अधिकार से वंचित थे।

            यह व्यवस्था दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के खिलाफ लागू किए गए काले कानूनों के समान थी, जहां महात्मा गांधी ने भारतीयों के खिलाफ इस अत्याचार का डटकर विरोध किया और अंततः इसे समाप्त करने में सफलता प्राप्त की।

        आज के समय में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए, और किसी भी समुदाय को इस प्रकार के दमनकारी नियमों के तहत नहीं लाया जा सकता। मीणा समाज के खिलाफ ऐसे कानूनों का विरोध हमारी जिम्मेदारी थी इन सब की वजह से हम समाज से इतने पीछे रह गए Criminal Tribe Act के नाम पे हमारे पैर में बेड़ीया बांध दी गई।

नोट; कुछ अन्य बिंदु👉मीनेष ज्ञान–सागर द्वारा

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