महावीर जी के मेले में गोलीकाण्ड (1949)
मीणा समाज के लोग भगवान महावीर की इस रथ यात्रा में लाठी-डंडों को हाथों में लेकर और गीत गाते हुए यात्रा की शुरुआत में निकलते हैं
1949 में सवाईमोधापुर जिले के महावीर जी के मेले में एक दुखद घटना घटी, जिसने मीणा जाति के खिलाफ चल रहे अत्याचारों को उजागर किया। स्वतंत्रता के बाद भी, मीणा समुदाय ने हिंसा का सामना किया, जबकि उनकी धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समर्पण की परंपरा रही है।

हर साल, लाखों मीणा श्रद्धालु महावीर जी के रथ को लेकर आते हैं, जहाँ भक्ति और उत्सव का माहौल होता है। लेकिन 14 अप्रैल को बैशाख चतुर्दशी पर, एक झोपड़ी में आग लगने के बाद स्थिति बिगड़ गई। मीणा सुधार समिति के कार्यकर्ता समाज सुधार पर भाषण दे रहे थे, जब आग ने पास की झोपड़ियों को प्रभावित किया।
हिण्डोन के नाजिम, श्री फतेसिंह शेखावत ने बिना जांच किए ही मीणों पर आरोप लगाते हुए उन पर गोलियाँ चला दीं। इस गोलीकाण्ड में कई लोग मारे गए, जबकि अन्य घायल हुए। मीणा सुधार समिति ने न्याय की मांग की, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
समिति ने उच्च अधिकारियों से निम्नलिखित मांगें रखीं:
1. नाजिम को निलंबित किया जाए और निर्दोष मीणों की हत्या का आरोप लगाया जाए।
2. एक स्वतंत्र जांच आयोग का गठन किया जाए।
3. मृतकों और घायलों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।
4. पुलिस द्वारा लगाए गए झूठे आरोप रोके जाएँ।
यह घटना मीणा जाति के संघर्ष और उनकी न्याय की खोज को दर्शाती है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें