मीणा इतिहास

बावन कोट छप्पन दरवाजा – मीणा मर्द नहाण का राजा।"

          बावन कोट छप्पन दरवाजा, मीणा मर्द                         नहाण का राजा। "

अकबर को हराया 11 बार थानागाजी{अलवर} मीणा भाई से हारा

                      क्यारा गणराजय


    जसे जसे इतिहास के पन्नो को मैं खंगाले जा रहा हु कुछ न कुछ अविश्वाशिन्य प्रकट हों रहा जो हमारे मीणा समाज के सामर्थ्य का मजबूत उदाहरण प्रस्तुत करता है अपना इतिहास कुछ पन्नो  तक ही सीमित नहीं है शायद मैं स्वैम भी मीणा समाज के इतिहास को समझ पाना मुश्किल है फिर भी कोशिश कर रहा हु खुद समझ के आप के साथ बैठकर विचार करने के लिए प्रस्तुत कर रहा हु तो चलिए शुरू करते है

               राजस्थान के अलवर जिले की थानागाजी तहसील में बसा क्यारा गणराज्य अपने समय का एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य था।  16वीं शताब्दी में राजा अक्षय पाल मेवाल मीणा का इस क्षेत्र पर शासन था।राजा अक्षय पाल के दो बेटे थे—मोकलसी और करणसी। मोकलसी ने 1572 में क्यारा राज्य की स्थापना की, जबकि करणसी ने राजोरगढ़ के पहाड़ पर 
Kakwadi forte image taken from wikipedia 
काकवाड़ी किले
का निर्माण करवाया और उनके पुत्र मोकलसी ने इसे एक अजेय दुर्ग बना दिया।
      और उस वक्त सभी जगह लगभग मुगल शासकों का राज था मुगल बादशाह अकबर, जिसने अपने साम्राज्य को भारत के अधिकांश हिस्सों पर फैला लिया था, अकबर ने क्यारा पर भी विजय पाने की कोशिश की। 
 लेकिन राजा मोकलसी और उनकी सेना ने मुगल आक्रमणों का 11 वर्षों तक डटकर मुकाबला किया। हर बार जब अकबर की सेना क्यारा पर हमला करती, उसे मीणा योद्धाओं की ताकत और उसके भाइयों का साथ और साहस के आगे अकबर को पीछे हटना पड़ता। अकबर की विशाल सेना इस छोटे से राज्य पर बार-बार हार का सामना करती रही, और अंत में अकबर ने हार मान ली, क्योंकि वह इस  राज्य के चक्कर में उसका का बहुत नुकसान हो गया था पर उस के दिमाग। में तो सिकंज थी और वो किसी मौके की ताक में भूखे गिद्ध की तरह बैठा था 
                  लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था क्यारा राज्य को मुगलों ने नहीं, बल्कि अपनों ने तबाह किया। मोकलसी और उनके रिश्तेदार नरहैट के राजा राव बादा के बीच एक छोटे से विवाद ने राज्य के विनाश की नींव रखी। "घर का भेदी लंका ढाए"—इस कहावत को साकार करते हुए राव बादा ने क्यारा पर कब्जा करने की कोशिश की। हालांकि वह इसमें सफल नहीं हो पाया, लेकिन इस आपसी लड़ाई का फायदा अकबर ने उठाया। जैसे ही अकबर को पता चला कि मोकलसी और राव बादा के बीच झगड़ा चल रहा है, और  उसने  इस मौके का फायदा उठाया देरी ना करते हुए अपनी सेना को भेजा और इस वक्त भाईयो के बीच मन मुटाव चल रहा था और इसका फायदा पूरा अकबर को मिला और  क्यारा राज्य को पूरा नष्ट कर दिया।
          इस संघर्ष के बाद, वीर क्यारा गणराज्य का पतन हो गया। राज्य के लोग अपने उजड़े घरों को छोड़कर 12 अलग-अलग गाँवों में बस गए। यह घटना आज भी इस क्षेत्र की लोक कथाओं और इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, जहाँ एक वीर गणराज्य ने न केवल बाहरी दुश्मनों का सामना किया, बल्कि अपने आंतरिक झगड़ों के कारण अंततः समाप्त हो गया।

    आंतरिक फूट और संघर्ष, चाहे वह किसी भी राज्य या अपने समाज में हो, अंततः बर्बादी और नुकसान का कारण बनता है।

नोट : कुछ अन्य बिंदु 👉मीनेष ज्ञान–सागर

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