मीणा इतिहास

बावन कोट छप्पन दरवाजा – मीणा मर्द नहाण का राजा।"

          बावन कोट छप्पन दरवाजा, मीणा मर्द                         नहाण का राजा। "

बरड़ चौहन वंश

                                    बरड़ चौहान वंश 



        बरड़ शाखा की शुरुआत अणहल के भाई अनूप द्वारा की गई, जिन्होंने टाटगढ़ में बसकर मीणा समुदाय का विस्तार किया। टाटगढ़ तहसील का अधिकांश हिस्सा उनके अधिकार में था। यह क्षेत्र राजस्थान के अजमेर जिले के आसपास स्थित है।बरड़ शाखा का इतिहास और उनकी सांस्कृतिक पहचान का विषय ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। यह विषय विशेष रूप से मीणा समुदाय और चौहान वंश से जुड़ा हुआ है, जो राजस्थान के टाटगढ़ क्षेत्र में बसे हुए थे। इस समुदाय का इतिहास वीरता, सांस्कृतिक मूल्य, और समाज के भीतर उनके योगदान को दर्शाता है। 

बरड़ शाखा के लोग चौहान वंश से संबंध रखते हैं और अपने आपको 'राव' कहलाना पसंद करते हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि वे समाज में एक उच्च स्थान रखते थे और उनकी पहचान वीर योद्धाओं के रूप में थी।

         कवि श्यामलदास ने अपनी पुस्तक "वीर विनोद" में इस समुदाय के साहस और चरिकेत्र की विशेष रूप से प्रशंसा की है। उन्होंने लिखा है कि "मेर लोग बहुत बहादुर होते हैं और स्त्रियों की इज्जत बिगाड़ने वालों को वे जान से मार देते हैं।"
इस तरह की बातों से यह स्पष्ट होता है कि बरड़ समुदाय अपनी स्त्रियों के सम्मान की रक्षा के लिए कठोर नियम अपनाते थे और समाज में कानून और न्याय को महत्व देते थे।
         श्यामलदास के अनुसार, ये लोग न केवल बहादुर थे, बल्कि मेहनती, मजबूत और चालाक भी होते थे, जिससे वे अपनी सुरक्षा और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
मीणा समुदाय ने अपने समय में सामाजिक और सांस्कृतिक ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे न केवल एक वीर योद्धा के रूप में पहचाने जाते थे, बल्कि अपने समाज में नैतिकता और न्याय की नींव को भी मजबूत बनाते थे। बरड़ समुदाय की यह पहचान आज भी उनके इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर में देखी जा सकती है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।


बरड़ शाखा का इतिहास वीरता, सम्मान और सांस्कृतिक मूल्य के प्रतीक के रूप में उभरता है। इस समुदाय ने राजस्थान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आज भी उनके साहस और मानवीय मूल्यों को याद किया जाता है।

:कुछ अन्य मुख्य बिंदु; मीनेष ज्ञान~सागर द्वारा

*

टिप्पणियाँ

Trending News

एक लाख मीनाओ का कत्लेआम इतिहास से अनजान

12 अक्टूबर समाज का काला दिन जिसका दर्द अभी तक ......

मरने की अनुमति

खून से लाल हुई धरती. मीनाओ की बर्बर हत्या / राजस्थान का जलियांवालाकांड